20+ Unknown Facts About Dungarpur Banswara|डूंगरपुर-बांसवाड़ा(वागड़) विश्व प्रसिद्ध है ।Vagad (also known as Vagar, Hindi: वागड) is a region in southeastern Rajasthan state of western India. The major cities of the region are Dungarpur and Banswara, both princely states in the 19th century.

It includes the districts of Banswara and Dungarpur, and is bounded on the north by Mewar region of Rajasthan, on the southeast and east by Malwa region of Madhya Pradesh, and on the west and southwest by Gujarat state.

Banswara is a city in Banswara District in south Rajasthan in India. The state of Banswara was founded by Maharawal Jagmal Singh. It is named for the “bans” or bamboo forests in the area. It is also known as ‘City of Hundred Islands’, due to presence of numerous islands on the Mahi River named “Chachakota” where the islands located.
Dungarpur is a city in the southernmost part of Rajasthan state of India. It is the administrative headquarters of Dungarpur District. The rail line between Udaipur and Ahmedabad in Gujarat runs through the town, shortest distance to the National Highway 8 from Dungapur town is 20 km.
प्रसिद्ध वास्तुकार व शिल्प विद्या के अनुभवी सोमपुरा जिनके द्वारा अक्षरधाम (गांधीनगर) में की गई अद्भुत शैली की कला व देश विदेश में कई नामी मंदिर सागवाड़ा, तलवाड़ा व डूंगरपुर के शिल्पकारों ने बनाए है । कौन कहता है ये पिछड़ा जिला है । शायद जिसे सामान्य ज्ञान का पता न हो वही ये कह सकता है । वागड़ पिछड़ा नही है , समृद्ध है । संसाधनों की कमी अवश्य है । पर यहाँ के लोग और प्रतिभा की कमी नही है । लेख-राजेन्द्र पंचडूंगरपुर- बांसवाड़ा(वागड़) विश्व प्रसिद्ध है ।
- अंतराष्ट्रीय न्यायालय के न्यायाधीश डॉ नगेन्द्र सिंह यही के थे ।
- प्रसिद्ध क्रिकेटर और BCCI के अध्यक्ष श्री राजसिंह और श्री हनुमन्त सिंह यही के थे ।
- विश्व में प्रथम साक्षर आदिवासी जिला डूंगरपुर है ।
- त्रिवेणी संगम बेणेश्वर धाम यही पर स्थित है । जहाँ सन्त मावजी महाराज हुये , वे भगवान कृष्ण के अवतार थे ।
- .विश्व प्रसिद्ध शक्तिपीठ त्रिपुरा सुंदरी भी बांसवाड़ा जिले में है ।
- माहीडेम जैसा बड़ा बाध बांसवाड़ा जिले में है ।
- गोविन्द गुरु और संत गवरी बाई, संत दुर्लभराम, सन्त भैरवनंदजी, भगवानदास जी , सन्त बडलिया वाले महाराज , इसी जिले में हुये ।
- राजस्थान में कर्क रेखा इन्ही जिलो से होकर गुजरती है ।।
- देश – विदेश चाहे कुवैत हो या अमेरिका इस वागड़ प्रदेश के व्यक्ति का बिजनेस या व्यवसाय अवश्य मिल जायेगा ।
- महाभारत काल में पांडवो ने अज्ञातवास व वनवास का कुछ समय यहाँ गुजारे था ।
- सयंभु शिव मंदिर वागड़ के हर 20 किमी इलाके में मिल जायेगा । यह शैव भक्ति का क्षेत्र रहा है ।।
- अरथूना के मंदिर 11वी शती के परमार कालीन , वागड़ में स्थित है ,
- वागड़ में वीर ग्लालेंग और कल्ला राठौड़ जैसे वीर शिरोमणी पैदा हुये थे ।
- वागड़ में छीज गाँव में 12 वीं शती से ब्रह्माजी का मंदिर व छीज माता का प्रसिद्ध मंदिर है ।
- दो कल्पवृक्ष बांसवाड़ा के पास , कितने प्राचीन है कोई नही जानता , रतलाम मार्ग पर काफी प्रसिद्ध है ।
- राजस्थान के प्रसिद्ध मुख्यमंत्री हरिदेव जोशी यही बांसवाड़ा के थे ।
- शुभ वेला पंचांग इसी जिले से प्रकाशित होता है जो पुरे भारत सहित विदेशो में 24 देशो में हिंदी भाषी लोग उपयोग में लेते है ।
- इसी जिले में प्रसिद्ध लेखक डॉ पन्नालाल पटेल , श्री दिनेशजी पंचाल , डॉ एल.डी. जोशी ,जगमाल सिंह सिसोदिया, नवीन चन्द्र याग्निक, डॉ ज्योति पुञ्ज , श्री उपेन्द्र अणु, श्री घनश्याम प्यासा , डॉ दीपक आचार्य , डा रविन्द्र पंड्या, श्री ब्रजमोहन तूफ़ान, श्री सतीश आचार्य, डॉ मालिनी काले, जैसे प्रसिद्ध विद्वान् लेखक हुये और है ।।
- देव सोमनाथ मंदिर जो बिना चुनाई किये केवल पत्थरो से निर्मित प्रसिद्ध विशाल मंदिर डूंगरपुर में स्थित है |
- एक थाम्बिया महल , उदय विलास महल में उत्कृष्ट वास्तु कला का उदाहरण है ।।
- गलियाकोट की शीतला माता का मन्दिर व दरगाह भारत में प्रसिद्ध है ।।
- वागड़ में चौहानों व अन्य राजपूतो की कुल देवी विजवा माता , आशापुरा देवी जैसे प्रसिद्ध मंदिर है ।
- वागड़ में प्रसिद्ध ज्योतिषी खड़गदा से आचार्य गोतमलालजी
- दीक्षित , बांसवाड़ा से श्री धरणीधरजी , सागवाड़ा से लम्बोदरजी शुक्ला , भीलूड़ा से रमेशचन्द्र जी भट्ट(गुरूजी) , तलवाड़ा से इच्छाशङ्करजी द्विवेदी, सरोदा से आचार्य केशवलालजी , भासोर से कचरुलालजी भट्ट जैसे प्रसिद्ध विद्वान् ज्योतिषी रहे ।
- प्रसिद्ध वास्तुकार व शिल्प विद्या के अनुभवी सोमपुरा जिनके द्वारा अक्षरधाम (गांधीनगर) में की गई अद्भुत शैली की कला व देश विदेश में कई नामी मंदिर सागवाड़ा, तलवाड़ा व डूंगरपुर के शिल्पकारों ने बनाए है ।
कौन कहता है ये पिछड़ा जिला है । शायद जिसे सामान्य ज्ञान का पता न हो वही ये कह सकता है । वागड़ पिछड़ा नही है , समृद्ध है । संसाधनों की कमी अवश्य है । पर यहाँ के लोग और प्रतिभा की कमी नही है । ।????????